जाहिदा हीना sentence in Hindi
pronunciation: [ jaahidaa hinaa ]
Examples
- इसमें छपने वाली संडे को जाहिदा हीना को भी पढ़ना जी...बहुत शानदार है।
- زاہدہ حنا) (born 1946) जाहिदा हीना एक उर्दू कहानीकार,संपादक, लेखक व् नाटककार है!
- जाहिदा हीना भी अपने लेख में अक्सर हिन्दुस्तान की सहिष्णुता व उदारता की तारीफ करती रही हैं।
- दैनिक भास्कर में हर रविवार को पाकिस्तानी डायरी नामक एक कॉलम प्रकाशित होता है, जिसको पाकिस्तानी लेखिका जाहिदा हीना लिखती हैं.
- रविवार को दैनिक भास्कर के पाकिस्तान डायरी कॉलम में प्रकाशित हुआ जाहिदा हीना का लेख ' जहां जिंदा रहना भी अय्याशी है' कुछ इस तरह के संकेत देता है.
- हर बार कुछ नया लेकर आने वाली पाकिस्तानी लेखिका जाहिदा हीना ने इस बार भी पाकिस्तान के एक और चेहरे को नंगा किया है, उनके लेख को पढ़कर लगता है कि देश में लोकतंत्र है, मगर पाकिस्तानी घरों में आज भी तानाशाह मौजूद हैं, जिसके चलते वहां की औरतों का जिंदा रहना भी अय्याशी बन चुका है.
- जाहिदा हीना का जन्म ५ अक्टूबर १९४६ को सासाराम नमक गाँव में बिहार, भारत में हुआ! विभाजन के बाद इनके पिता मोहम्मद अबुल खैर कराची,पाकिस्तान आकर बसे! इन्होने अपनी पहली कहानी की रचना नौ साल की उम्र में की! इन्होने कराची विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि ली तथा उनका पहला निबंध १९६२ में प्रकाशित हुआ! उन्होंने पत्रकारिता को अपना कार्यक्षेत्र चुना और १९६० के मध्य में उन्होंने पत्रकारिता आरंभ की!
- जाहिदा हीना का लेख उस कत्लेआम पर आधारित था, जो करीबन डेढ़ माह पहले हुआ, मगर जिसके बारे में किसी को भी पता न था, इस कत्लेआम का खुलासा, उस वक्त हुआ, जब कराची के शेख विला में रहने वाले मशहूर फैशन डिजाइनर की लहू में लथ पथ लाश मिली, इसके बाद कुछ पत्रकारों ने साहस से काम लेते हुए उक्त घटना का वर्णन किया तो रहस्यमयी कत्लेआम की ख़बर अख्बारों की सुर्खियां बनी, मगर डेढ महीने बाद.
- अगर दिलों में भी मोहब्बत मर गई होती तो शायद श्री ननकाणा साहिब जाने वाले सिखों का वहाँ गर्मजोशी से स्वागत न होता, गुजरात की सीमा से सटे पाकिस्तान में खण्डहर बन चुके जैन मंदिरों को मुस्लिम अब तक संभाले न होते, शोएब के मन में सानिया का घर न होता, जाहिदा हीना जैसे लेखिका कभी पाकिस्तान की डायरी न लिख पाती और नुसरत फतेह अली खाँ साहिब, साजिया मंजूर, हस्न साहिब दोनों मुल्कों की आवाम के लिए कभी न गाते।
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